Priyanka06

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लेखनी कहानी -14-Oct-2022 आने वाला खास लम्हा कहानीप्रतियोगिता के लिए

विषय- आने वाला खास लम्हा

शीर्षक-रिश्ते

रघु और माला की शादी की सालगिरह आने वाली थी। उनकी शादी को 50 साल होने वाले थे। रघु और माला के लिए यह पल बहुत ही खास लम्हा था। वह इन यादों को भुलाना नहीं चाहते थे और इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।


एक परिवार था। उस परिवार में एक बुजुर्ग दंपत्ति रहा करते थे। बुजुर्ग दंपति के दो बेटे और दो बहु थी। एक बेटा विदेश में रहता था। एक उनके पास रहता था। दोनों बुजुर्ग दंपत्ति का नाम रघु और माला थे।
1 दिन की सुबह की बात है दोनों बैठ कर चाय की चुस्कियां ले रहे थे। और मन ही मन रघु कुछ सोच रहा था, इतने में ही माला बोल पड़ती है। अजी क्या बात है अब क्या सोच रहे हैं मैं कब से देख रही हूं। रघु ने कहा देखो अपनी 50वीं शादी की सालगिरह आने वाली है। मेरे मन में यह विचार आ रहा है कि बच्चों को अपनी शादी की सालगिरह याद है कि नहीं। माला ने कहा हमने उनको संस्कृति और संस्कार दोनों सिखाए हैं । अब वह क्या करते हैं हम कैसे जाने। दोनों ही बच्चे बहू व्यस्त हैं। हम उनसे कुछ कह भी नहीं सकते। एक बेटा  और बहू बाहर रहते हैं और दूसरे बेटे बहू अपने पास रहते हैं लेकिन बेटा और बहू काम में इतने व्यस्त हैं कि मैं कुछ कहना असंभव है। उन्हें ऑफिस के काम से ही फुर्सत नहीं मिलती। अब उनको कहा यह सब याद रहेगा।
(कुछ दिनों के बाद)
कुछ दिनों के बाद वो घड़ी आ गई, रघु और माला की आज 50 वी  शादी की सालगिरह थी। दोनों उस दिन सुबह उठते ही मंदिर चले गए और गरीबों में खाना बांटने चले गए।
(कुछ समय के बाद)
जब वो मंदिर से घर वापस आए तो रघु की आंखें फटी की फटी रह गई। देखते ही वो चौक गए। घर मेहमानों से भरा हुआ था। उनका पहला बेटा भी घर आ चुका है, और घर मे खूबसूरत सजावट कर रखी थी।
दोनों बहुत खुश हुए। दोनों बेटों को गले लगा कर रघु और माला की आंखें भर आई और कहां देखो जी कहा था मैंने हमारे बेटे कितने भी व्यस्त हो संस्कार नहीं भूलेंगे। अपने मां बापू की 50 वीं वर्षगांठ को उन्होंने दोनों बच्चों और बहुओं ने धूमधाम से मनाया।
इस तरह रिश्तो की माला मोतियों से पिरोई जाती है। हमारे दिए हुए संस्कार बच्चे कभी नहीं भूलते। अपने बच्चों पर विश्वास हमेशा बनाए रखें। उन्हें प्यार और ममता से संजोए रखें। और इस खास लमहे को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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10 Comments

Pratikhya Priyadarshini

18-Oct-2022 01:13 AM

Achha likha hai 💐

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Abeer

17-Oct-2022 12:27 PM

Behtarin rachana

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Seema Priyadarshini sahay

16-Oct-2022 10:17 PM

बहुत खूब

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